इस ब्लॉग़ में अरावली पर्वत श्रंखला में स्थित Historical Fort,Historical Temple,Prehistorical Place,Natural Place,Historical Dam,Wildlife sanctuary,Ancient Bodhist Place के बारे में जानकारी दी गयी है

शनिवार, अप्रैल 17, 2021

गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य की जानकारी व घूमने के स्थान

मध्यप्रदेश के मालवा कि पश्चिमी सीमाओं तथा अरावली की पहाड़ियों पर स्थित गांधी सागर वन्य अभयारण्य क्षेत्र को चंबल नदी मध्य प्रदेश के मंदसौर तथा नीमच जिलों की सीमा में विभाजित करती है!

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य की जानकारी व घूमने के स्थान 


अरावली की लाखो वर्ष अति प्राचीन इन पहाड़ियों में स्थित इस अभयारण्य ने कई बेशकीमती वनस्पतियों, विलुप्त प्राय जीवों,कई ऐतिहासिक इमारतों कई प्राकृतिक स्थलों,कई पाषाण कालीन मानव सभ्यताओं के साक्ष्यों को अपने आंचल में संजोया हुआ है!

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य की जानकारी व घूमने के स्थान


यह अभयारण्य प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए महत्वपूर्ण स्थान है! पर्यटक इस अभयारण्य मैं आकर कुछ समय तक शांति तथा आनंद की प्राप्ति कर सकते हैं! अभयारण्य में प्रवेश निशुल्क है तथा आप स्वयं के वाहन से जा सकते हैं! आइए जानते हैं गांधीसागर वन्य जीव अभ्यारण के बारे में!

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य की जानकारी व घूमने के स्थान 

Table of contents


गांधी सागर वन्यजिव अभयारण्य का इतिहास !

गांधी सागर अभयारण्य लगभग 370 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है ! भानपुरा नीमच मार्ग इसे दो भागों में विभाजित करता है! यह अभयारण्य राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है! 1974 में इस अभयारण्य को अधिसूचित किया गया तथा 1983 में भारत सरकार ने इसमे और क्षेत्र सम्मिलित कर वर्तमान स्वरूप दिया!

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य की जानकारी व घूमने के स्थान 


अभयारण्य की मुख्य वनस्पतियां!

गांधी सागर अभ्यारण पूरे वर्ष भर खुला रहता है! विभिन्न प्रकार की अरावली पहाड़ियों के साथ जंगल सूखा मिश्रित तथा पर्णपाती है ! गांधी सागर जल मग्न क्षेत्र के आसपास घास का मैदान है !

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य की जानकारी व घूमने के स्थान 


अभयारण्य क्षेत्र में पाए जाने वाले प्रमुख वृक्षों की प्रजातियों में धावड़ा, बबूल - जिसका गोंद बहुत लाभदायक माना जाता है!  और खाने के काम में आता है!

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य की जानकारी व घूमने के स्थान 


खेरा - जिसका कत्था बनता है जो पान तथा मसाले में काम में आता है! 

तेंदू - इसके पान बीड़ी  बनाने के काम में आते हैं  तथा तेंदू का फल चीकू के समान मीठा होता है!

करौंदा- एक छोटा सा काला फल होता है जो खाने बहुत ही मीठा और स्वास्थ्यवर्धक होता है! कच्चे करौंदे की सब्जी बनाकर खाई जाती है!

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य की जानकारी व घूमने के स्थान 


खांखरा, पलाश - के पत्तों की आदिवासियों द्वारा पत्तल बनाई जाती है! तथा सुर्ख लाल फूलों का  रंग बनाया जाता है! इसके अलावा भी कई प्रकार के वृक्षों को यहां देखा जा सकता है!

अभयारण्य के प्रमुख वन्य जीव !

गांधी सागर अभयारण्य में रहने वाले मुख्य जीव हिरण तथा नीलगाय हैं, जिनमें सबसे आसानी से देखे जाने वाले चिंकारा या भारतीय गजेल और नीलगाय है जो यहां झुंडो में विचरण करते हुए दिखाई दे जाते हैं!

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में विचरण करती नीलगाय 

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में घूमता हिरनों का झुण्ड 


इसके अलावा सांभर, भारतीय तेंदुए, लंगूर, मोर, जंगली कुत्ते,ऊदबिलाव लकड़बग्गे, कालाभालू, सियार, लोमड़ी तथा जंगली सूअर है ! गांधी सागर अभ्यारण में प्रमुख रूप से गिद्धों की कई प्रजातियां पाई जाती है !

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य का प्रमुख वन्यजीव तेंदुआ 


इसके अलावा आपको गांधी सागर झील में बोटिंग के दौरान कई प्रवासी तथा अप्रवासी पक्षियों, मगरमच्छ, कई प्रजातियों की मछलियां जैसे सील आदि को देखने का अवसर प्राप्त होता है!

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधीसागर झील में बोटिंग का आनंद 

अभयारण्य के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल !

गांधी सागर अभयारण्य में  कई ऐतिहासिक, पुरातात्विक और धार्मिक महत्व के स्थान आपको देखने को मिलेंगे! जिनमें चौरासीगढ़ का किला हमें मध्ययुगीन काल का अहसास कराता है!

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित चौरासीगढ़ किले के नाम से मशहुर सूर्यास्त देखने की जगह 


वही हिंगलाजगढ़ का किला हमें 12 वीं सदी के परमार काल के स्वर्णिम इतिहास से रूबरू करवाता है !

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित हिंगलाज गढ़ का किला 


तथा गांधी सागर अभयारण्य के निकट स्थित गांधी सागर बांध हमारी आजादी के बाद की गई विकास यात्रा को दर्शाता है!

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधीसागर बांध का दृश्य 


सर्किट हाउस व भारतमाता का नजारा तो देखते ही बनता है!

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधीसागर बांध के भारत माता गार्डन में स्थित भारतमाता की विशालकाय प्रतिमा 


आयुर्वेद के जनक धनवंतरी का स्थान तथा नागों के राजा तक्षक की शरणस्थली ताकेश्वरधाम हमें महाभारत काल में ले जाता है,

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित ताखेश्वरजी का कुंड 


वहीँ चतुर्भुज नाथ मंदिर मैं स्थापित दिव्य और मनमोहक भगवान विष्णु की प्रतिमा हमें 12 वीं सदी की ओर ले जाती है!

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित चतुर्भुजनाथ मंदिर में चतुर्भुज नाथ की प्रतिमा 


तथा चतुर्भुज नाले में स्थित पाषाण कालीन शैलचित्र दुनिया की सबसे प्राचीन व सबसे लंबी शैलचित्र श्रंखला हमें 35 हजार साल से भी अधिक पुरानी उन्नत मानव सभ्यता के जीवन की झलक दिखलाती है!

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित चतुर्भुज नाला के शैलचित्र 


इस के अलावा भी  इस अभयारण्य में हर कदम पर प्राकृतिक, ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थान देखने को मिलेंगे,जैसे चिब्बड़ नाला,कथिरिया का झरना,रामकुंड का झरना, छोटा, बड़ा महादेव का झरना, दर की चट्टान जो विश्व की सबसे प्राचीनतम रॉक कला के अतीत को प्रकट करती है!

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित कथीरिया का झरना 

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित रामकुंड का झरना 

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
बड़ा महादेव झरना 

gandhi sagar wildlife sanctuary madhya pradesh
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित बिजोलिया का झरना 

इसके आलावा भी यहां गांधी सागर अभ्यारण में अनगिनत प्राकृतिक स्थान तथा कई ऐतिहासिक मंदिर कई प्रागैतिहासिक जगह मौजूद है जिनके बारे में एक पोस्ट में बता पाना संभव नहीं है!

गांधीसागर अभयारण्य की आगामी परियाजना !

गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य मैं विलुप्त हो चुके चीतों को फिर से बसाये जाने की योजना का क्रियान्वयन चल रहा है इसके लिए अफ्रीकन चीतों को यहां बसाने की योजना है!

गांधी सागर अभ्यारण में स्थित अरावली की पहाड़ियों मैं घास के मैदान, पहाड़ियों में स्थित गुफाएं, पानी की प्रचुरता चीतों को बसाने के लिए उपयुक्त मानी जाती है! इस कार्य के लिए पर्यटन विकास निगम ने ₹15 करोड़ का कार्य निर्धारित किया है!

पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए पर्यटकों के घूमने, फिरने के लिए दो सफारी ओपन जिप्सी जिसमें बैठकर पर्यटक वन्य प्राणियों से रूबरू हो सकें तथा ठहरने के लिए रात में कैंपिंग की व्यवस्था शामिल है !

वन्य प्राणियों के पीने के पानी की व्यवस्था के लिए अभयारण्य में मौजूद लगभग डेढ़ सौ तालाबों का गहरीकरण,सौंदर्यीकरण तथा नए तालाबों का निर्माण शामिल है! अभयारण्य में मौजूद शाकाहारी वन्य प्राणियों जैसे हिरण, चीतल, नीलगाय, खरगोश आदि के लिए चरागाह को विकसित करना जिससे गर्मियों के समय इन वन्यजीवों को पर्याप्त भोजन मिल सके तथा पर्यटक इन वन्य प्राणियों को एक ही स्थान पर देख सके!

अभ्यारण में मांसाहारी वन्यजीवों के भोजन के लिए लिए 500 चीतल राजगढ़ जिले से लाकर यहां छोड़े जा रहे हैं वर्तमान समय में अभ्यारण के अंदर 2 वर्ष पूर्व गणना के अनुसार लगभग 50 तेंदुए, लकड़बग्घे, तथा अन्य मांसाहारी प्राणियों के साथ 225 प्रजातियों के पक्षी मौजूद है! उम्मीद है आने वाले कुछ समय में आपको यहां चीतों को देखने का अवसर मिलेगा!

यात्रा के दौरान सावधानियाँ !

  • अकेले न जाएं किसी जानकार को साथ लेकर जाए !
  • उचित मात्रा में पानी साथ रखें व खाने पिने का प्रबन्ध रखें !
  • यदि आप रक्त चाप रोगी हैं तो जाने से बचे या अपने साथ उचित दवाई गोलियों का प्रबंध रखें !
  • ये क्षेत्र अभयारण्य का हिस्सा है तथा यहां कई जंगली  जानवर तेंदुआ,भालू, लकड़बग्गा आदि का निवास है !अतःहमेशा सावधान रहे !

कब जाएं !

वैसे तो इस स्थान पर किसी भी मौसम में जा सकते हैं परन्तु वर्षा ऋतू में रास्ते में कीचड़ हो सकता है !गर्मी के मौसम मे वातावरण शुष्क होने से तेज गर्मी होती है !अक्टूबर माह से मार्च माह तक मौसम ठंडा होने से जाना सबसे अनुकूल होता है !

कैसे जाए !

भानपुरा मालवा मध्य प्रदेश मंदसौर जिले का हिस्सा है जो  राजस्थान झालावाड़ जिले से सटा हुआ है! नजदीकी रेलवे स्टेशन भवानी मंडी जो कि 25 किलोमीटर पड़ता है और रामगंज मंडी जो कि 40 किलोमीटर पड़ता है! यहां से बस मार्ग द्वारा भानपुरा आसानी से पहुंचा जा सकता है!और भानपुरा से व्यक्तिगत वाहन बाइक या कार द्वारा अभयारण्य तक पंहुचा जा सकता हैं !

कहां रुकें !

गांधी सागर अभयारण्य में आवास के लिए सर्किट हाउस तथा जल संसाधन विभाग का गेस्ट हाउस है!कोशिश करने पर व्यवस्था हो जाती है ! इस के अलावा अगर आपका बजट ठीक है तो हिंगलाज रिसोर्ट में रुकना एक अच्छा विकल्प हो सकता है! अग्रिम बुकिंग करना ठीक रहेगा !

इस लेख के माध्यम से मैंने अरावली पहाड़ में स्थित मालवा के  गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी है ! गलती के लिए क्षमा प्रार्थी हूं! उम्मीद करता हूं कि आपको यह लेख पसंद आये !

आप अपनी राय कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं !

पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!

4 टिप्‍पणियां:

  1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  2. Playtech Casino and Hotel - Mapyro
    Find the 춘천 출장안마 best 경주 출장샵 Microgaming casinos 김천 출장마사지 in Reno, NV. Discover maps, 진주 출장샵 photos and prices for all the 군산 출장마사지 Microgaming casinos in Reno including hotels,

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही बढ़िया जानकारी दी है आपने इस पोस्ट में।
    मेरे प्रोजेक्ट में मुझे सहायता व सरलता के साथ पूरा किया

    जवाब देंहटाएं