इस ब्लॉग़ में अरावली पर्वत श्रंखला में स्थित Historical Fort,Historical Temple,Prehistorical Place,Natural Place,Historical Dam,Wildlife sanctuary,Ancient Bodhist Place के बारे में जानकारी दी गयी है

शनिवार, जनवरी 09, 2021

गांधी सागर बांध-भानपुरा (M. P. )

प्रस्तुत लेख में मध्य प्रदेश मालवा के मंदसौर जिले में स्थित भानपुरा तहसील में अरावली की पहाड़ियों के बीच बहती हुई चंबल नदी पर बने गांधी सागर बांध के बारे में जानकारी देने जा रहा हूँ ! 
 
Gandhi Sagar Bandh
गाँधीसागर बांध के गेट खुलने का दृश्य 



Gandhi Sagar Bandh
गांधीसागर जलाशय का नजारा 


चिब्बड़ नाला-भानपुरा (M.P.)गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित ऐतिहासिक एवं प्राचिन चिब्बड़ माता के मंदिर तथा पाषाण कालीन शैलचित्र के बारे में जानने के लिये यहाँ click करें !



गांधीसागर डैम उन चार प्रमुख बांधों में से एक है,जो चंबल नदी पर बने  हुए हैं ! यह प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ हजारों प्रवासी तथा अप्रवासी पक्षियों का आश्रय स्थल भी है! बांध के जलाशय क्षेत्र भारत में हीराकुंड बांध के बाद दूसरे नंबर पर आता है!

Gandhisagar bandh
गाँधी सागर बांध का विहंगम दृश्य 

गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित ऐतिहासिक एवं प्राचिन नागों के राजा तक्षक तथा आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि जी के निवास स्थान प्राचिन तक्षकेश्वर मंदिर तथा पवित्र झरने के बारे में जानने के लिये यहाँ क्लिक करें 



चंबल नदी पर चार बांध बनाये गये हैं ! जिनमे गांधी सागर बांध, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर एवं कोटा बैराज शामिल है ! गांधी सागर एकमात्र मध्य प्रदेश की सीमा में स्थित है !बाकी तीन राजस्थान की सीमा में है ! पर्यटन की दृष्टि से गांधी सागर बांध अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है! यहां स्थित भारत माता गार्डन, सर्किट हाउस का नजारा तथा चंबल की कल कल करती ध्वनि के साथ मानव निर्मित झील में बोटिंग का आनंद ले सकते हैं! यहां के गांधीसागर वन्य अभ्यारण मैं स्थित ऐतिहासिक, प्रागेतिहासिक तथा प्राकृतिक स्थलों को आप कभी भूल नहीं पाएंगे!

Gandhi Sagar Bandh
गाँधी सागर झील का नजारा 




    गांधी सागर बांध का इतिहास!

    गांधी सागर बांध मंदसौर तथा नीमच जिले में विभाजित है!गांधी सागर बांध के नींव की आधारशिला उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के द्वारा 7 मार्च 1954 को रखी गई थी! बांध बनाने के लिए अग्रणी ठेकेदार द्वारकादास अग्रवाल एंड एसोसिएशन द्वारा बनाया गया गांधी सागर बांध व पावर स्टेशन के निर्माण में कुल लागत उस समय 18 करोड़ 40 लाख रुपए खर्च हुए ! इस बांध पर 1957 ईस्वी में बिजली उत्पादन का कार्य  एवं बिजली वितरण का कार्य नवंबर 1960 से शुरू हुआ! अतिरिक्त बांध संरचनाओं को 1970 के दशक में पूरा किया गया !


    गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित ऐतिहासिक एवं प्राचिन हिंगलाज गढ़ तथा गढ़ में स्थित हिंगलाज माता के मंदिर के बारे में जानने के लिये यहाँ क्लिक करें !


    गांधी सागर बांध का क्षेत्रफल !

    गांधी सागर बांध 204 फीट ऊंचा है तथा  514 फीट लंबा है! बांध का जलस्तर लगभग 1250 फ़ीट है !

    Gandhi Sagar Bandh
    गांधीसागर बांध के गेट का नजारा 


    गांधी सागर बांध लगभग 60000 हेक्टेयर पर फैला हुआ विशाल बांध है! बांध का जल संग्रहण क्षेत्र 8720 वर्गमील 

    Gandhi Sagar Bandh
    गाँधी सागर बांध जलाशय 


    गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित प्राचिन एवं ऐतिहासिक चतुर्भूज नाथ मंदिर तथा चतुर्भूज नाला में स्थित विश्व की सबसे लंबी पाषाणकालीन शेलचित्र श्रंखला के बारे में जानने के लिये यहाँ क्लिक करें !


    7322 बिलियन क्यूबिक मीटर की भंडारण क्षमता है!इस बांध का उत्प्लावन मार्ग प्रति सेकंड 21238 क्यूबिक मीटर  पानी का निर्वहन करता है !


    बिजली उत्पादन के बाद छोड़े गए पानी का उपयोग सिंचाई के लिए कोटा बैराज द्वारा लगभग एक लाख साठ हजार  एकड़ भूमि की सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है! 

    मालवा के प्रसिद्ध धार्मिक व ऐतिहासिक दूधाखेड़ी माताजी का मंदिर भानपुरा मध्यप्रदेश के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करें !

    गांधी सागर बांध के पॉवर स्टेशन की कार्यशीलता!

    गांधी सागर बांध के दाहिने किनारे की तरफ एक हाइड्रो पावर इलेक्ट्रिक स्टेशन स्थापित है ! गांधी सागर पावर स्टेशन 65 मीटर लंबा एवं 56 फीट चौड़ा है! पावर स्टेशन में 23 मेगा वाट के 5 टरबाइन लगे हुए हैं इस प्रकार  फुल पावर क्षमता 115 मेगावाट है जो लगभग 564 गीगावॉट ऊर्जा का उत्पादन करते हैं! पावर स्टेशन के द्वारा राजस्थान तथा मध्य प्रदेश दोनों राज्यों में बिजली की आपूर्ति की जाती है !गांधी सागर बांध में विद्युत उत्पादन हेतु 1250 फ़ीट  से अधिक जल स्तर का होना आवश्यक है!

    Gandhi Sagar Bandh
    गांधीसागर बांध के गेट खुलने का विहंगम दृश्य 

    गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य की जानकारी व घूमने के स्थान के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करें !

    गांधी सागर बांध निर्माण का क्षेत्र पर प्रभाव !

    गांधी सागर बांध के निर्माण के बाद यहां का संपूर्ण क्षेत्र डूब क्षेत्र में आ गया !जिसमें 59 गांव पूर्ण रूप से तथा 159 गांव आंशिक रूप से प्रभावित हुए ! यानी कुल 228 गांवों  पर गांधी सागर बांध बनने का प्रभाव पड़ा! रामपुरा जैसे प्राचीन नगर को पत्थर की दीवार बनाकर किसी तरह डूब में आने से रोका गया परंतु इसके व्यापार को समाप्त होने से नहीं रोका जा सका!


    कैसे पहुंचे! 

    मंदसौर से गांधी सागर बांध की दूरी 168 किलोमीटर है! सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन भवानी मंडी राजस्थान  है !जो दिल्ली मुंबई रेल मार्ग पर स्थित है! भवानी मंडी से गांधी सागर की दूरी 53 किलोमीटर है!जहां से बस द्वारा आप आसानी से यहां पहुंच सकते हैं!
    Gandhi Sagar Bandh Road
    गांधीसागर बांध कि और जाती सड़क 


    तो दोस्तों यह थी गांधी सागर बांध के बारे में विस्तृत जानकारी ! गलती के लिए अग्रिम क्षमा प्रार्थी हूं!आशा करता हूं यह जानकारी आपको पसंद आएगी!

     ब्लॉग़ पढ़ने  के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद !


    3 टिप्‍पणियां: